Delhi Politics: “दिल्ली के लोगों के लिए… सौरभ भारद्वाज का बड़ा बयान और कानून-व्यवस्था की स्थिति”
Delhi Politics: दिल्ली के कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज शारदीय नवरात्र का पहला दिन है और सभी भक्तों को नवरात्रि की शुभकामनाएँ दी हैं। सौरभ भारद्वाज ने यह भी बताया कि 30 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने राजधानी में रहने वाले लोगों पर एक तुगलकी फरमान लागू किया था। इस फरमान के आने के बाद हिंदू भक्तों में गहरी नाराजगी देखी गई कि रामलीला कैसे मनाई जाएगी और पूजा कैसे की जाएगी? इस मुद्दे पर कalkाजी मंदिर के पुजारी ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
पुलिस का आदेश वापस लेने की जीत
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, “हम दिल्ली पुलिस का आदेश वापस ले रहे हैं। यह दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत है।” यह बयान इस बात का प्रमाण है कि जब जनता की आवाज उठती है, तो प्रशासन को सुनना पड़ता है।
केजरीवाल का नया निवास
सौरभ भारद्वाज ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने CM आवास खाली करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने कहा था कि वे श्राद्ध खत्म होने के बाद CM आवास छोड़ देंगे। कई विधायकों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपने घरों में ठहरने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने फैसला किया कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र न्यू दिल्ली में रहेंगे।
एक पार्टी सांसद ने भी उन्हें अपने घर में रहने का प्रस्ताव दिया है। अब अरविंद केजरीवाल और उनका परिवार फीरोजशाह रोड पर हमारे सांसद अशोक मित्तल के परिवार के साथ रहेंगे, जब तक वे फिर से चुनाव नहीं जीत जाते और CM नहीं बन जाते।
दिल्ली में बढ़ती आपराधिक घटनाएँ
दिल्ली में आपराधिक घटनाओं की बढ़ती संख्या पर सौरभ भारद्वाज ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने जैनपुर में एक डॉक्टर के गोली लगने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अब यह दिल्ली में आम बात हो गई है। उन्होंने बताया कि व्यवसायियों और डॉक्टरों से जबरन वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि “हमने उपराज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है।”
उपराज्यपाल, जो कि पंचायत चुनाव नहीं जीत पाए, वे निर्वाचित विधायकों से मिलने का समय नहीं दे रहे हैं। इसके बजाय, उपराज्यपाल उन जगहों का निरीक्षण करने जाते हैं जहाँ उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन पुलिस थानों का निरीक्षण नहीं करते। आज एक डॉक्टर अपने क्लिनिक में सुरक्षित नहीं है, और एक कार शोरूम का मालिक अपने शोरूम में सुरक्षित नहीं है।
कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाना आवश्यक
सौरभ भारद्वाज के बयान से स्पष्ट है कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जब नागरिक अपने व्यवसाय और चिकित्सा सेवाओं में सुरक्षित नहीं हैं, तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी पूछा कि दिल्ली में इतने हथियार कहाँ से आ रहे हैं। यह सवाल केवल आम जनता के लिए नहीं, बल्कि सरकार और प्रशासन के लिए भी है।
दिल्ली में कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। जब तक प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं करता, तब तक दिल्लीवासियों को भय में जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सौरभ भारद्वाज का यह बयान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अन्य राजनीतिक दलों को भी इस गंभीर मुद्दे पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।